शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की एनसीबी कस्टडी आज यानी 7 अक्टूबर को खत्म हो रही है। आज उनके वकील उनकी जमानत के लिए अर्जी देंगे। आज फैसला होगा कि आर्यन जेल जाएंगे या फिर उन्हें बेल मिलेगी।
शाम के 7 बज चुके हैं। ऐसे में जेल के दरवाजे बंद हो जाते हैं। लिहाजा, आर्यन खान और बाकी 7 आरोपियों की गुरुवार की रात जेल में नहीं कटेगी। आर्यन और बाकी दूसरे आरोपियों को एनसीबी दफ्तर के लॉकअप में ही बितानी पड़ेगी। ऐसे में एनसीबी के लॉकअप को ही न्यायिक हिरासत मान लिया गया है।
हालांकि इस दौरान एनसीबी आर्यन या बाकी 7 आरोपियों से कोई पूछताछ नहीं कर सकेगी, क्योंकि वो न्यायिक हिरासत में हैं।आर्यन खान की जमानत पर अब कल शुक्रवार को होगी सुनवाई.
आर्यन के वकील ने रखे ये बड़े सवाल
कोर्ट ने कहा- किसी को कस्टडी में लेकर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि जांच के लिए एनसीबी को पर्याप्त समय और अवसर दिया गया था। इसलिए, आर्यन खान और अन्य को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है।
ASG बोले- आप अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर सकते हैं, रेगुलर बेल के लिए आपको स्पेशल कोर्ट जाना होगा। एनडीपीएस ऐक्ट के तहत एनसीबी पहले ही रेगुलर बेल का विरोध कर चुकी है।
मानशिंदे ने दो जमानत अर्जी दी है। एक अंतरिम जमानत की ताकि तत्काल जमानत मिले और दूसरी रेगुलर बेल की, ताकि जब तक इस केस की जांच हो तब तक आर्यन जमानत पर रहें।सतीश मानशिंंदे ने आर्यन की जमानत को लेकर अर्जी दी
न्यायिक हिरासत में भेजे गए आर्यन खान और सभी 8 आरोपी
जज ने सबमिशन और रिमांड रिपोर्ट के आधार पर सार यही है कि आरोपियों के लिए एनसीबी की ओर से कस्टडी की मांग की गई है। वह अचित कुमार के साथ उनका सामना करवाना चाहती है।
अचित के नाम का खुलासा अरबाज मर्चेंट और आर्यन खान द्वारा किया गया था। वे आरोपी नंबर 9 और अन्य आरोपियों का भी सामना करवाना चाहते हैं, जिन्हें 6 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और रिमांड पर लिया गया था।
मैं इस पहलू में नहीं जाना चाहता कि किसी आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए अधिकारी को इतना समय क्यों चाहिए। अचित की गिरफ्तारी के समय को ध्यान में रखते हुए, जब आर्यन और अचित दोनों एनसीबी की हिरासत में थे, कोर्ट में पेशी होने तक कुछ भी जांच नहीं की गई।
इसके अलावा, एनसीबी ने सही तर्क दिया कि जांच के विवरण को पॉइंट आउट करने की जरूरत थी और यह रिमांड में प्रतिबिंबित नहीं होता है।
इसलिए रिमांड अप्लीकेशन में अस्पष्ट आधार पर, हर आरोपी की कस्टडी को नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसलिए सभी 8 आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है।
जज बोले- पैरवी कर रहे वकील मानते हैं कि एनसीबी की कस्टडी में आरोपी की मौजूदगी जरूरी नहीं है, क्योंकि स्थिति पहले जैसी ही है।