पंचांग के अनुसार 02 अक्टूबर 2021, शनिवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी की तिथि को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि को अत्यंत शुभ माना गया है. एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है.
कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले शनिवार को शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उत्तम माना गया है. शनि देव कृष्ण भक्त भी हैं. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का पूर्ण अवतार भी कहा गया है. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना गया है.
शनि देव कौन हैं? (Shani Dev)
ज्योतिष शास्त्र में शनि का एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. शनि देव को नव ग्रह में न्याय का देवता बताया गया है. शनि देव को कलियुग का दंडाधिकारी भी माना गया है. यानि शनि देव व्यक्ति को कर्मों का फल प्रदान करते हैं. शनि, सूर्य पुत्र हैं और माता का नाम छाया है. शनि देव की अपने पिता सूर्य से नहीं बनती हैं. भगवान शिव के वरदान के कारण शनि देव की दृष्टि से इंसान ही नहीं देवता भी नहीं बच पाते हैं.
मकर राशि में शनि का गोचर (Shani Ka Gochar 2021)
वर्तमान समय में शनि का गोचर मकर राशि में हो रहा है. वर्ष 2021 में शनि का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. इस वर्ष शनि का नक्षत्र परिवर्तन है. वर्तमान समय में शनि श्रवण नक्षत्र में भ्रमण कर रहे हैं. इसके साथ ही शनि वक्री अवस्था में हैं. 11 अक्टूबर 2021 को शनि मार्गी होंगे.
शनि की साढ़ेसाती (Shani Ki Sade Sati)
धनु, मकर और कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती और मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैया चल रही है. 02 अक्टूबर को बनने वाला संयोग इन 5 राशियों के लिए विशेष है. शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि देव की पूजा और शनि से जुड़ी चीजों का दान कर, शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है. शनिवार के दिन शनि चालीसा और शनि मंत्र का जाप करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं.